Shikshak Diwas किसकी याद में मनाया जाता है? | Teachers Day क्यों मनाया जाता है? | शिक्षक दिवस की शुरुआत कब हुई?

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पूरे भारत में Shikshak Diwas (Teachers Day) 5 सितंबर को बड़े धूमधाम से मनाए जाते है। इस अवसर पर, सरल शब्दों में लिखे गए ये भाषण और निबंध निश्चित रूप से आपकी तैयारी में मदद कर सकते हैं और आपके शिक्षकों को प्रभावित कर सकते हैं।

देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:.
गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।

कहने का तात्पर्य यह है कि यदिभाग्य रूठ जाये तो गुरू रक्षा करता है। गुरू रूठ जाये तो कोई नहीं होता। गुरू ही रक्षक है, गुरू ही शिक्षक है, इसमें कोई संदेह नहीं।

एक शिक्षक हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है, सिकंदर महान के इन शब्दों से समझा जा सकता है। सिकंदर ने कहा मैं जीने के लिए अपने पिता का ऋणी हूं, लेकिन अच्छे जीवन जीने के लिए अपने गुरु के लिए।

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Teacher Day कब मनाया जाता है?
Date Every Year 5 सितंबर को
विवरण एक व्यक्ति का भविष्य शिक्षक द्वारा बनाया जाता है.
किसकी याद में ? डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।
Picture of a teacher teaching on a blackboard.

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्मदिन को शिक्षक दिवस

भारत की भूमि पर कई लोगों ने अपने ज्ञान के साथ हम सभी का मार्गदर्शन किया है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी, सबसे महान परोपकारी, दार्शनिक और विश्वास चिंतक में से एक हैं जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। और हम उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।

ऐसे महान विभूति के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना हम सभी के लिए गर्व की बात है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व का प्रभाव यह था कि 1952 में संविधान के तहत उनके लिए उपराष्ट्रपति का पद सृजित किया गया था और वे 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति बने। 1952 में उपराष्ट्रपति बनने के बाद 1962 में दूसरी बार भारत के राष्ट्रपति बने।

Shikshak Diwas मनाने की शुरुआत

दरअसल, एक बार उनके कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने उनसे कहा कि, वह उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करना चाहते हैं. तब उन्होंने कहा था, "मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाए अगर मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करूंगा।"

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था. 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
तब से 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। देश भर में छात्र इस दिन को अपने शिक्षकों के लिए विशेष सम्मान और धन्यवाद के साथ मनाते हैं।

अगर कोई शिक्षक नहीं होता तो- आज कोई आदमी डॉक्टर, इंजीनियर नहीं बनता, हर जगह अशिक्षा और अज्ञानता का निवास रहता।

इसमें कोई शक नहीं है कि शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ हैं। वे छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देते हैं और उन्हें देश के आदर्श नागरिक बनाते हैं।

मैं उन महान शिक्षकों को बार-बार नमस्कार करता हूं जिन्होंने साधारण पौधों को पानी पिलाया और एक विशाल वृक्ष बनाया

Teachers Day क्यों मनाया जाता है?

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (5 सितंबर) शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1962 से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.

शिक्षक दिवस की शुरुआत कब हुई?

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 1962, 5 सितंबर से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1962 से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.

शिक्षक दिवस कितने देशों में मनाया जाता है?

शिक्षक दिवस चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, ईरान, मलेशिया, ब्राजील और पाकिस्तान से लेकर दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। हालाँकि, इस दिन को मनाने की तारीख देश-विदेश में अलग-अलग है।

शिक्षक दिवस कब और किसकी याद में मनाया जाता है?

भारत मे, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, और 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की (जन्मदिन) स्मृति में शुरू हुआ.

शिक्षक कौन है?

जो शिष्य के मन में सीखने की इच्छा जागृत करने में सक्षम होते हैं उन्हें शिक्षक कहा जाता है। एक व्यक्ति का भविष्य शिक्षक द्वारा बनाया जाता है.

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