Pushkar Mela 2022: क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में पुष्कर मेला कब लगता है। दोस्तों आज के इस लेख में पुष्कर मेले से जुड़े लगभग सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे, अगर आपके पास कोई जानकारी है तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
दोस्तों, यहां ऊंट का मेला लगता है। मेला कार्तिक पूर्णिमा के दिन शुरू होता है। इस बार यह मेला 31 अक्टूबर (सोमवार) से 09 नवंबर (बुधवार) तक चलेगा। पुष्कर मेला कई वर्षों से चल रहा है और इसके लिए राजस्थान सरकार विशेष अनुदान भी देती है।
Pushkar Mela Kab Hai 2022 | |
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Date | 31 October - 9 November 2022 |
महत्व | एकमात्र ब्रह्मा मंदिर है जो राजस्थान के पुष्कर अजमेर में स्थित है। दर्शन करने से व्यक्ति को सौभाग्य और सुख की प्राप्ति होती है। |
Pushkar Mela | पारंपरिक नृत्य, ऊंट की दौड़, खाने से लेकर पीने तक, झूला झूलने, नाचने-गाने सब कुछ होता है। यहां बड़ी संख्या में विदेशी भी आते हैं। |

रेत पर यह मेला कई किलोमीटर तक लगता है। खाने से लेकर पीने तक, झूला झूलने, नाचने-गाने सब कुछ होता है। पुष्कर मेले में हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं। ज्यादातर पर्यटक इस मेले को देखने के लिए ही राजस्थान आते हैं। सबसे अच्छा दृश्य तब होता है जब रंगीन गर्म हवा के गुब्बारे मेले के ऊपर उड़ते हैं। यहां बड़ी संख्या में विदेशी भी आते हैं जो राजस्थानी वेशभूषा में घूमते हैं।
पुष्कर मेला महतव
पुष्कर मेला कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होता है और पुष्कर झील में स्नान करना तीर्थ माना जाता है। इस दिन लाखों भक्त झील में डुबकी लगाते हैं और भगवान ब्रह्मा का आशीर्वाद लेते हैं और मेले में खरीदारी करते हैं। पारंपरिक नृत्य, घूमर, घेर मंड और शाम को आरती होती है। शाम को इस आरती को सुनने से मन को बहुत शांति मिलती है।
मेले में क्या होता है?
यह विशेष रूप से ऊंटों और मवेशियों का मेला है। पूरे राजस्थान से लोग अपने स्वयं के ऊंट लाते हैं और उन्हें प्रदर्शित किया जाता है। ऊंट की दौड़ होती है। विजेता को एक सुंदर इनाम भी मिलता है। ऊंटों को पारंपरिक परिधानों से इस तरह सजाया जाता है कि वे उनकी नजरों से ओझल न हों।
सबसे सुंदर ऊंट को भी इनाम मिलता है। ऊंट की सवारी की जाती है। इतना ही नहीं ऊंटों के साथ ऊंट नृत्य और भारोत्तोलन भी किया जाता है। ऊंट नए कारनामे करते हैं। नृत्य होता है और रात में अलाव जलाकर गीत गाए जाते हैं।
कैसा है अजमेर का पुष्कर मेला?
अजमेर का पुष्कर मेला देश के सबसे बड़े मेलों में गिना जाता है। जहां देश भर से लोग एकता और भाईचारे के नजारे देखने आते हैं। इस मौके पर पूरा पुष्कर शहर बिजली की रोशनी से जगमगाता है। यहां पर दूर-दूर से खरीदार व कलाकार व झूले सर्कस पहुंचते हैं और अपनी व्यवस्था स्वयं करने लगते हैं। ऊंट पर राजस्थानी धोती कुर्ता पहनकर लोग पुष्कर के लिए निकलते हैं।
शाम को पुष्कर झील में आरती की जाती है, अद्वितीय भक्ति रस हजारों दीपों की जगमगाहट से वातावरण को भर देता है। पुष्कर के पवित्र तालाब में स्नान करने की परंपरा है, जिसमें मगरमच्छ और घड़ियाल भी इस तालाब में रहते हैं। सरोवर में डुबकी लगाते समय लोगों को जल चढ़ाते समय भक्ति और श्रद्धा का वह अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
पूरे भारत में एक ही जगह है ब्रह्मा का मंदिर
पुष्कर में दर्जनों हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर हैं, जिसके लिए पुष्कर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, यह भगवान ब्रह्मा का मंदिर है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पुष्कर के अलावा भारत या दुनिया के किसी भी हिस्से में ब्रह्माजी का कोई मंदिर नहीं है। यह एकमात्र ब्रह्मा मंदिर है जो राजस्थान के पुष्कर अजमेर में स्थित है।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले इस मेले में ब्रह्म दर्शन और ब्रह्म सरोवर में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। सरोवर में स्नान कर यहां आने वाले सभी श्रद्धालु ब्रह्मा के मंदिर के दर्शन करने जाते हैं। इतनी भारी भीड़ के बावजूद हर बार पुष्कर मेले का आयोजन बिना किसी नुकसान के शांतिपूर्ण तरीके से किया जाता है।
पुष्कर मंदिर और झील के साथ कई क्षेत्रीय मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं।
पवित्र स्नान के बाद, महिलाएं भक्ति के साथ लोक भक्ति गीत गाते हुए झील के चारों ओर परिक्रमा करती हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को सौभाग्य और सुख की प्राप्ति होती है।
ऊंट मेला कहाँ आयोजित किया जाता है?
राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर में लगने वाला पुष्कर मेला दुनिया का सबसे बड़ा ऊंट मेला है।
खाटू श्याम से पुष्कर की दूरी कितनी है?
गूगल मैप के अनुसार खाटू श्याम से पुष्कर की दूरी लगभग 190 किमी है और यह चौपहिया वाहन द्वारा 4 घंटे है।
अजमेर से पुष्कर कितने किलोमीटर की दूरी पर है?
गूगल मैप के अनुसार अजमेर से पुष्कर तक लगभग 15 किलोमीटर है। यह चार पहिया वाहन द्वारा लगभग 40 मिनट की ड्राइव है।