Gandhi Jyanti हर साल 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाई जाती है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा के लिए प्रचार किया। गांधी जी भी कानून की शिक्षा लेने इंग्लैंड गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने बंबई में वकालत शुरू की। महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
राष्ट्र ने गांधी को राष्ट्रपिता का नाम दिया, जिन्होंने भारत को सत्य और अहिंसा के बल पर भारत को अंग्रेजों से आजाद कराकर एक स्वतंत्र भारत का बहुमूल्य उपहार दिया। आज इस लेख में मैं आपके साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ी कुछ रोचक बातें साझा करने का प्रयास करूंगा।
महात्मा गांधी जिस तरह से शांति और अहिंसा मार्ग पर चलते हुए, उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया।
संयुक्त राष्ट्र ने भी वर्ष 2007 से गांधी जयंती को 'विश्व अहिंसा दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की। आज हम गांधी जी की उस उपलब्धि का उल्लेख करने का प्रयास कर रहे हैं जो हम सभी के लिए गर्व की बात है।
Gandhi ji के लिए जारी किया गया पहला डाक टिकट
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भले ही अहिंसा के आधार पर भारत की आजादी के नायक हों, लेकिन डाक टिकटों के मामले में वे दुनिया के 104 देशों में सबसे महान नायक हैं।
गांधी दुनिया के एकमात्र लोकप्रिय नेता हैं जिनके इतने सारे टिकट जारी करने का रिकॉर्ड है। डाक टिकटों की दुनिया में गांधी सबसे अधिक दिखाई देने वाले भारतीय हैं.
एक दिलचस्प बात यह थी कि गांधीजी को सम्मान देने के लिए जारी किया गया पहला डाक टिकट, स्विट्जरलैंड में छपा था। तब से, कोई भी भारतीय डाक विदेश में नहीं छपी है।
विश्व अहिंसा दिवस कब मनाया जाता है? | ||
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Date | हर साल 2 अक्टूबर को International Day of Non-Violence मनाया जाता है. | |
विवरण | संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून 2007 को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस की स्थापना की। संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस शिक्षा और जन जागरूकता के संदेश को फैलाने का एक अवसर है। |

जब ब्रिटेन, जिसने भारत को गुलामी की चपेट में रखा था, उसने पहली बार एक महान व्यक्ति पर एक डाक टिकट निकाला, यह महात्मा गांधी थे। इससे पहले ब्रिटेन में, केवल डाक टिकटों पर राजा या रानी की तस्वीरें छापी जाती थीं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर सबसे बड़ा डाक टिकट 1969 में उनकी जन्मशताब्दी पर जारी किया गया था। उस वर्ष, दुनिया के 35 देशों ने इस पर 70 से अधिक डाक टिकट जारी किए।
महात्मा गांधी की स्कूल टाइम स्टोरी
जिसे शिक्षक द्वारा कही गई बातों के बावजूद नक़ल नहीं किये थे। कहानी यह है कि, एक बार - राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल में, तत्कालीन शिक्षा विभाग के निरीक्षक "जाइल्स" निरीक्षण करने आए थे।
उन्होंने नौवीं कक्षा के छात्रों को अंग्रेजी में पाँच शब्द लिखने के लिए दिए, जिनमें से एक शब्द "“केटल”" था। मोहनदास इसे ठीक से नहीं लिख पा रहे थे, इसलिए मास्टर ने नक़ल करने को कहा कि वे अगले एक की नकल करें लेकिन मोहनदास ने ऐसा नहीं किया।
जब गुरु ने पूछा कि आपने नकल क्यों नहीं की, तो मोहनदास ने दृढ़ता से उत्तर दिया कि "ऐसा करना धोखा और चोरी करने जैसा है जो मैं नहीं कर सकता"। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि गांधीजी बचपन से ही सत्य के अनुयायी थे।
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस International Day of Non-Violence.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने A/RES/61/271 के माध्यम से 15 जून 2007 को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस की स्थापना की। संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस शिक्षा और जन जागरूकता के संदेश को फैलाने का एक अवसर है।
15 जून 2007 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 02 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस की स्थापना के लिए मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 191 सदस्य देशों में से 140 से अधिक देशों ने प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया।
इनमें भारत के पड़ोसी देश जैसे अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान के साथ-साथ अफ्रीका और अमेरिका महाद्वीप के कई देश शामिल थे। वर्तमान विश्व व्यवस्था में अहिंसा के महत्व को स्वीकार करते हुए यह प्रस्ताव बिना मतदान के सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
अहिंसा की नीति के माध्यम से दुनिया भर में शांति के संदेश को बढ़ावा देने में महात्मा गांधी के योगदान की सराहना करने के लिए इस दिन को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसीलिए प्रत्येक वर्ष 02 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
2 अक्टूबर को क्या मनाया जाता है?
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Gandhi Jayanti क्यों मनाई जाती है?
यह दिन हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनके जन्मदिन पर याद करने के लिए मनाया जाता है। गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, लेकिन ज्यादातर लोग उन्हें बापूजी या महात्मा गांधी कहते थे।
महात्मा गांधी के कितने बच्चे थे?
महात्मा गांधी के चार बेटे थे। हरिलाल गांधी, रामदास गांधी, देवदास गांधी और मणिलाल गांधी।